Poem in Hindi- चमक रहा है तेज तुम्हारा
चमक रहा है तेज तुम्हारा,
बन कर लाल सूर्य – मंडल,
फ़ैल रही है कीर्ति तुम्हारी,
बन करके चाँदनी धवल।
चमक रहे है लाखो तारे,
बन तेरा शृंगार अमल,
चमक रही है किरण तुम्हारी ,
चमक रहे है सब जल थल।
हे जग के प्रकाश के स्वामी।
जब सब जग दमका देना ,
मेरे भी जीवन के पथ पर ,
कुछ किरणें चमका देना।
लेखक-
सोहन लाल द्विवेदी
Note- यह कविता कवि के द्वारा बहुत सुंदर लिखा गया गया है इस Poem को सुनते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। छोटे बच्चें अपने स्कूल में किसी प्रतियोगिता में सुना सकते है। इस वेबसाइट पर जो भी Poem है वो सभी Poem किसी book, magazine, newspaper या फिर social media से लिया गया है। इस वेबसाइट पर जो भी कुछ है वो सभी पोस्ट किसी book, magazine , newspaper या फिर social media से लिया गया है। इस वेबसाइट पर जो भी पोस्ट पोस्ट किया गया है उन सभी पर लिखने वाले लेखक का Rights है। हमारा rights नहीं है। हम तो बस आप लोगो तक पंहुचा रहे है।
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