Hindi Poem- विमल हिन्दू की विशाल किरणें
विमल हिन्दू की विशाल किरणें,
प्रकाश तेरा बता रही है
अनादि तेरी अनंत माया
जगत को लीला दिखा रही है |
प्रसार तेरी दया का कितना
ये देखना हो तो देखे सागर |
तेरी प्रशंसा का राग प्यारे
तरंगमालाएं गा रही है |
तुम्हारा स्मित हो जिसे निखरना
वो देख सकता है चन्द्रिका को।
तुम्हारे हसने की धून में नदिया
निनाद करती ही जा रही है।
जो तेरी होये दया दयानिधि ,
तो पूर्ण होता ही है मनोरथ |
सभी ये कहते पुकार कर के,
यही तो आशा दिला रही है |
जयशंकर प्रसाद
Good article.