Hindi Poem- टेसू राजा
यह कविता कवि के द्वारा बहुत सुंदर लिखा गया गया है इस Poem को सुनते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। छोटे बच्चें अपने स्कूल में किसी प्रतियोगिता में सुना सकते है। इस वेबसाइट पर जो भी Poem है वो सभी Poem किसी book, magazine, newspaper या फिर social media से लिया गया है। इस वेबसाइट पर जो भी कुछ है वो सभी पोस्ट किसी book, magazine , newspaper या फिर social media से लिया गया है। इस वेबसाइट पर जो भी पोस्ट पोस्ट किया गया है उन सभी पर लिखने वाले लेखक का Rights है। हमारा rights नहीं है। हम तो बस आप लोगो तक पंहुचा रहे है।
टेसू राजा अड़े – खड़े
मांग रहे है दही बड़े।
बड़े कहाँ से लाऊ मैं
पहले खेत खुदाऊ मैं ,
उसमें उड़द लगाऊ मैं ,
फसल काट घर लाऊ मैं।
छान फटक रखवाऊ मैं ,
फिर पिटती पिसवाऊ मै ,
टिकिये गोल बनाऊ मैं ,
बेलन से बेलवाऊ मै।
चुल्हा फूँक जलाऊ मैं ,
फिर पिटती पिसवाउ मैं,
टिकिये गोल बनाऊ मैं
फिर पानी में डाल उन्हें ,
मैं लू खूब उबाल उन्हें।
फूल जाए वह सब के सब ,
उन्हें दही में डालू तब ,
मिर्च नमक छिडकाऊ मैं ,
चमच एक मागउ मैं ,
तब मैं उन्हे खिलाऊ मैं
टेसू राजा अड़े – खड़े
मांग रहे है दही बड़े।
Writer- रामधारी सिंह दिनकर
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