तुम ही माता पिता
जैसे हम ईश्वर की पूजा करते है उनको मानते है ठीक उसी तरह अपने माता-पिता की भी पूजा करनी चाहिए जब हम छोटे होते है तब माता-पिता हमारे हर एक चीज़ का ध्यान रखते है। हमे किसी चीज़ की कमी नहीं होने देते है। बड़े होने पर हमारा फ़र्ज़ होता है कि हम सेवा करे।यह Prayer Book से लिया गया है इस Prayer को जिस लेखक ने लिखा है सिर्फ और सिर्फ उनका Rights है।
तुम ही हो माता पिता तुम ही हो
तुम ही हो बंधू सखा तुम ही हो।
तुम ही हो साथी तुम ही सहारे
कोई ने अपना सिवा तुम्हारे।
तुम ही नैया तुम ही खिवैया
तुम ही हो बंधू सखा तुम ही हो।
जो खिल सके न वो फूल हम है।
तुम्हारे चरणों की धुल हम है।
दीया की दृष्टि सदा ही रखना
तुम ही हो बंधू सखा तुम ही हो।
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